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दूरी की कशिश, सताती है,
अंतर की ऊर्मि, जगाती है,
प्रेम की बरसात, बहकाती है,
तेरे मिलन की आरजू, अंतर को तड़पाती है।
- डॉ. हीरा
दूरी की कशिश, सताती है,
अंतर की ऊर्मि, जगाती है,
प्रेम की बरसात, बहकाती है,
तेरे मिलन की आरजू, अंतर को तड़पाती है।
- डॉ. हीरा
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