Read Quote

Previous
Share
 
गुरुर से क्या देखे, जब वजूद उसका नहीं है।
खामोशी में क्या कहें हम, जब बेपरवाह हम नहीं है।
ख्वाबों में क्या रहें हम, जब हकीकत कुछ और है।
मुलाकात को कैसे भूलें हम, जब इंतजार वो ही है।

Why feel pride over something, which has no weightage?
What should I say in silence when I am not careless?
Why should I remain in dreams when the reality is something else?
How can I forget the meeting when it is a period of longing?



- डॉ. ईरा शाह
Next
गुरुर से क्या देखे, जब वजूद उसका नहीं है।
खामोशी में क्या कहें हम, जब बेपरवाह हम नहीं है।
ख्वाबों में क्या रहें हम, जब हकीकत कुछ और है।
मुलाकात को कैसे भूलें हम, जब इंतजार वो ही है।
गुरुर से क्या देखे, जब वजूद उसका नहीं है। खामोशी में क्या कहें हम, जब बेपरवाह हम नहीं है। ख्वाबों में क्या रहें हम, जब हकीकत कुछ और है। मुलाकात को कैसे भूलें हम, जब इंतजार वो ही है। https://myinnerkarma.org/quotes/detail.aspx?title=gurura-se-kya-dekhe-jaba-vajuda-usaka-nahim-hai

Contact by Postal Address

Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi

A5, Jay Chambers,

Nanda Patkar Road Extension,

Vile Parle (E), Mumbai-400057.

+91 - 22 - 26171392

+91 - 9004545529

info@myinnerkarma.org

Also Available In

Follow US

kakabhajans.org

mydivinelove.org