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जहाँ प्रेम की गलियों में अतंर आनंदित हो,
जहाँ वैराग्य की पूँजी में मन शांत हो,
जहाँ आत्मीयता पे ईच्छा सब शांत हो,
वहाँ प्रभु का आगमन खुले आम हो।
- डॉ. हीरा
जहाँ प्रेम की गलियों में अतंर आनंदित हो,
जहाँ वैराग्य की पूँजी में मन शांत हो,
जहाँ आत्मीयता पे ईच्छा सब शांत हो,
वहाँ प्रभु का आगमन खुले आम हो।
- डॉ. हीरा
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