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जिम्मेदारी से जो भागता है, वह इंसान नहीं हैवान होता है।
प्रेम से जो सबकुछ स्वीकारता है, वह ईश्वर का ही अंश होता है।
- डॉ. हीरा
जिम्मेदारी से जो भागता है, वह इंसान नहीं हैवान होता है।
प्रेम से जो सबकुछ स्वीकारता है, वह ईश्वर का ही अंश होता है।
- डॉ. हीरा
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