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जीने की तमन्ना उसे होती है, जिसे कुछ पाना है।
प्रेम की चाह उसे होती है, जिसे खुद को भुलाना है।
विश्वास की कली उसे मिलती है, जो सजदे में ही रहता है।
परब्रह्म की चाहत उसे मिलती है, जिसे अपना वजूद मिटाना है।
- डॉ. हीरा
जीने की तमन्ना उसे होती है, जिसे कुछ पाना है।
प्रेम की चाह उसे होती है, जिसे खुद को भुलाना है।
विश्वास की कली उसे मिलती है, जो सजदे में ही रहता है।
परब्रह्म की चाहत उसे मिलती है, जिसे अपना वजूद मिटाना है।
- डॉ. हीरा
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