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खुलेआम इजहार नहीं होता, बिना कहे इकरार नहीं होता,
प्यार में कोई इल्जाम नहीं होता, तेरे बिना ऐतबार नहीं होता,
प्रेम में कोई अकेला नहीं होता, शब्दों से कोई ऐलान नहीं होता,
तेरे बिना कोई आराम नहीं होता, गम में कोई सहारा नहीं होता.
- डॉ. हीरा
खुलेआम इजहार नहीं होता, बिना कहे इकरार नहीं होता,
प्यार में कोई इल्जाम नहीं होता, तेरे बिना ऐतबार नहीं होता,
प्रेम में कोई अकेला नहीं होता, शब्दों से कोई ऐलान नहीं होता,
तेरे बिना कोई आराम नहीं होता, गम में कोई सहारा नहीं होता.
- डॉ. हीरा
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