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महफिले चांद है तू, गुले गुलज़ार है तू।
महौब्बत का पैगाम है तू, महकता एक ख्वाब है तू।
शायरों का ताज है तू, गुणो को भंडार है तू।
हकीकत का मोहताज है तू, तेरे प्रेम से ही दुनिया में रहता है तू।
तेरे में ही समाता है तू, तुझमें ही सबसे मिलता है तू।
आखिर श्वासों का प्राण है तू, हर इंसान का भगवान है तू।
- डॉ. हीरा
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