Read Quote

Previous
Share
 
मुशायरा हो या कवि सम्मेलन,
आखिर तो वाह-वाह में खोते हैं।
फितरते जुनून हो या प्रेम का नशा हो,
आखिर तो अपने आप को खोते हैं।

- डॉ. हीरा
मुशायरा हो या कवि सम्मेलन,
आखिर तो वाह-वाह में खोते हैं।
फितरते जुनून हो या प्रेम का नशा हो,
आखिर तो अपने आप को खोते हैं।



- डॉ. हीरा
Next
मुशायरा हो या कवि सम्मेलन,
आखिर तो वाह-वाह में खोते हैं।
फितरते जुनून हो या प्रेम का नशा हो,
आखिर तो अपने आप को खोते हैं।
मुशायरा हो या कवि सम्मेलन, आखिर तो वाह-वाह में खोते हैं। फितरते जुनून हो या प्रेम का नशा हो, आखिर तो अपने आप को खोते हैं। https://myinnerkarma.org/quotes/detail.aspx?title=mushayara-ho-ya-kavi-sammelana

Contact by Postal Address

Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi

A5, Jay Chambers,

Nanda Patkar Road Extension,

Vile Parle (E), Mumbai-400057.

+91 - 22 - 26171392

+91 - 9004545529

info@myinnerkarma.org

Also Available In

Follow US

kakabhajans.org

mydivinelove.org