|
तेरे चाहनेवालों की कोई कमी नहीं, फिर भी तू अकेला है।
हमारे चाहनेवालो में कोई है ही नहीं, फिर भी यारों की कोई कमी नहीं।
ऐसी कैसी अपनी हालत है कि तू अकेला ही खुश है।
और हम यारों के बीच भी मायूस है।
ये कैसी कशिश है, कि तू तो सजता है और हम तेरे सजदे में शामिल है।
There is no dearth of your admirers, yet YOU are alone.
We do not have any admirers, yet we do not have any dearth of friends.
What kind of a state we are in that YOU are alone yet YOU are happy,
And we are sad inspite of being surrounded by friends.
What kind of magnetic pull is this, that YOU are so attractive and all of us participate in prostrating to YOU.
- डॉ. ईरा शाह
|
|