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तुझसे ख़फ़ा होना भी नहीं जानते,
तुझको मनाना भी नहीं जानते,
अपनी दिल्लगी में इतना खोते हैं हम,
कि तुझको कभी अलग नहीं मानते।
- डॉ. हीरा
तुझसे ख़फ़ा होना भी नहीं जानते,
तुझको मनाना भी नहीं जानते,
अपनी दिल्लगी में इतना खोते हैं हम,
कि तुझको कभी अलग नहीं मानते।
- डॉ. हीरा
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