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गुजरती है दुनिया अपने इशारों पर,
नाचती है दुनिया दौलत के ज़ोर पर,
मचलती है दुनिया दुःखों के बांध पर,
रोती है दुनिया संतों के जवाबों पर।
The world changes at its own discretion,
The world dances to the tunes of money,
The world is hindered by the barrage of pain,
The world cries when a saint speaks.
- डॉ. ईरा शाह
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