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हम न कभी छोटे थे, न कभी बूढ़े हुए,
ये शरीर बूढ़ा होता है, हम तो वहीं के वहीं रहते हैं।
न कभी हम बीते पल में थे, न कभी आने वाले पल में होंगे,
हम तो आज हैं और हमेशा आज ही रहेंगे।
मरते नहीं हम कभी, अमर हम तो रहते हैं,
मरता तो है यह शरीर, हम तो बस यूँ ही रहते हैं।
- डॉ. हीरा
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