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समां की दीवानगी का नशा हर कोई चाहता है;
अंतर की महफिल का मज़ा, बस कुछ लोग जानते है;
बाहरी दुनिया में वो मज़ा नहीं जो अंतर की दुनिया में है;
प्रेम की पराकाष्ठा, उसके दीदार अंतर में ही है।
The intoxication of the love driven madness of the gathering, everyone wants.
The internal celebration, very few people know.
The happiness in the external world is nothing compared to the inner world.
The summit of love, it can be seen only inside us.
- डॉ. ईरा शाह
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