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तुझे प्यार करूँ या तेरे संग रहूँ, समझ नहीं आता।
तुझे पूजूँ या तुझे दिल में उतारूँ, समझ नहीं आता।
तेरे साथ रोऊँ या हँसू, ये समझ नहीं आता।
क्या करूँ, बस तुझमें मिल जाऊँ, यही समझ आता।
- डॉ. हीरा
तुझे प्यार करूँ या तेरे संग रहूँ, समझ नहीं आता।
तुझे पूजूँ या तुझे दिल में उतारूँ, समझ नहीं आता।
तेरे साथ रोऊँ या हँसू, ये समझ नहीं आता।
क्या करूँ, बस तुझमें मिल जाऊँ, यही समझ आता।
- डॉ. हीरा
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