आए आप हमारे द्वार, खुशनसीबी हमारी,
कि साथ दिया आपने हमारा, महरबानी है तुम्हारी।
जीवन में रंग भरा, ये दिवांगी है हमारी,
कि इन बोलों से हमे अपना लिया, यह शायरी है तुम्हारी।
गीत होठों पे सवार दिया, यह आशिकी है हमारी,
हमारे दिल को चुरा लिया, यह कातिल नज़ाकत है तुम्हारी।
जलते अंगारों पे चल पड़े, यह आराधना है हमारी,
तेरे संग निकल पड़े, यह मेहरबानी है तुम्हारी।
हर हाल में तुम साथ रहे, यह हकीकत है हमारी,
तेरे मेरे ख़तम हुए, यह फितरत है तुम्हारी।
- डॉ. हीरा