नशे में हम हैं, तेरे संग संग जो हैं,
इस जहान से पर हैं, तेरी दीवानगी में मग्न हैं।
प्यार का ये समा हैं, झूमते हम प्यार में हैं,
साथ तेरे हम हैं, न कोई अब दूरी है।
तुझमें ही हम रहते हैं, वह ही अपना प्रेम हैं,
पीते प्रेम के प्रीत हैं, खोते इस प्रेम में हम हैं।
प्रीत हमें तुझसे है, मीत तुम जो मेरे हो,
जीत पाई हमने है, मिला जो तू हमें है।
संगम ये प्यार का अनमोल है, अनंत है
कि मंजिल हमारी मिली है, प्रभु से प्रीत लड़ाई है।
- डॉ. हीरा