चैन से तुझे याद कर सके, ये खुशनसीबी हमारी,
कि जब तुम आए, हम न आ सके, ये बदनसीबी हमारी।
जिंदगी में हम तुमसे मिले, ये खुशनसीबी हमारी,
पर हर पल तेरे संग न गुजार सके, ये बदनसीबी हमारी।
जीवन की कहानी, तुम ने सिखाई, ये खुशनसीबी हमारी,
पर तेरी हर बात हम न याद रख सके, ये बदनसीबी हमारी।
जीवन हमारा तुम सँवारने लगे, ये खुशनसीबी हमारी,
पर तुझे पूरा साथ न दे सके, ये बदनसीबी हमारी।
इतने अज़ीज़ तुम हमारे हुए, ये खुशनसीबी हमारी,
कि एहसास ये हमें देरी से हुआ, ये बदनसीबी हमारी।
- डॉ. हीरा