छोड़ो सब की बातें, चलो तुम अपनी राह पर।
छोड़ो दूसरों की आदतें, चलो तुम अपनी मंजिल पर।
छोड़ो बँधते रिश्ते, चलो तुम अपने सफर पर।
छोड़ो गुमराह खयालों को, चलो तुम अपने प्रभु ते दर पर।
छोड़ो जहरीली इच्छाओं को, चलो तुम खुशी के घर पर।
छोड़ो नफरत के डाले को, चलो तुम अपने जीवन पर।
छोड़ो ख्याली दुनिया को, चलो तुम प्रभु की दुनिया पर।
छोडो बदले की भावना को, चलो तुम अपनी डगर पर।
छोड़ो दूर की बातें, चलो तुम अपने कर्म पर।
छोड़ो बीती बातें, चलो तुम अपने जहाँ पर ।
- डॉ. हीरा