न तुम अपने आप को गलत समझो,
कि आखिर तुम खुद को खुदा तो जानो।
न तुम खुद को सबसे अलग समझो,
कि अभी भी तुम एक इन्सान हो, ये जानो।
न तुम खुद को अकेला समझो,
कि तुम ही खुद के साथी हो, ये जानो।
न तुम खुद को छोटा समझो,
कि खुदा तुझमें हैं, उसे न छोटा जानो।
न तुम खुद को खुद से जुदा समझो,
कि आखिर तुम क्या हो, ये तो पहचानो।
- डॉ. हीरा