जज़्बात हमारे दिल में छुपकर प्यार बन गए,
कि अश्रु हमारे बह कर तेरी दुआ बन गए।
ग़म हमारा जी कर, जिंदगी बन गए,
कि तड़प हमारी झेल कर, हम प्यासे बन गए।
गुमनाम यह कहानी, एक अमर कथा बन गई,
कि बीती जिंदगानी एक सच्चाई हमारी बन गई।
सोच तेरी हमारी पहचान बन गई,
कि तेरी अदा पर हम तेरे दीवाने बन गए।
तन्हाई हमारी प्रेम का दीया बन गई,
कि मुश्किल में आखिर हम जीना सीख गए।
- डॉ. हीरा