कहाँ जाना है, ये मालूम नहीं है।
जिंदगी में क्या करना है. ये हमें मालूम नहीं है।
कहाँ से आए हैं, कहाँ जाएँगे, ये हमें मालूम नहीं है।
क्या पाना है क्या खोना है, ये हमें मालूम नहीं है।
पर किससे ये कहें, ये भी हमें मालूम नहीं है।
आखिर हम कौन हैं ये ही हमें मालूम नहीं है।
विद्वान अपने आप को समझें, पर उल्लू हम हैं हमें मालूम नहीं है।
कि बेवकूफ की तरह जिंदगी जिएँ और सुख क्या है वो मालूम नहीं है।
जो हमें मालूम नहीं उसकी खोज करना भी हमें मालूम नहीं हैं।
कि आखिर में हम क्या करें, ये भी हमें मालूम नहीं है।
- डॉ. हीरा