पांडुरंग में छुपे हैं विठ्ठल, विश्वास में छुपा है आनंद,
कृष्ण में छुपे हैं राम, राम में छुपे हैं अतर आराम।
खंडोबा में छुपे हैं शिव, शिव में छुपा है निर्गुण आनंद,
बलिदान में छुपे हैं बलराम, वास्तव में छुपा है विकार और अहम्।
संतों में छुपा है प्रभु मिलन, आनंद में छुपा है ज्ञान का प्रारंभ
मनुष्य में छुपे हैं देव और दानव, प्रलय में छुपा है प्रभु का रहम
मन में छुपे हैं तत्व, ज्ञान में छुपा है प्रभु मिलन
इस वाणी में छुपा है वेद और उपनिषद, निषद में छुपा है ये सृष्टि का मिलन।
- डॉ. हीरा