वाह खुदा, तेरी सारी मेहरबानियाँ, शुक्रिया तेरा कैसे अदा करें हम?
मंजिल है सामने और हम चले डूबे, याद तुझे हम न क्यों करें?
आसान बनाया तूने मुझे याद करना, शुक्रिया तेरा हम कैसे करें?
मुश्किल पड़े राह में और तुझे हम याद करें, और कहाँ जायेंगे हम।
वाह खुदा, तेरी सारी मेहरबानियाँ, शुक्रिया तेरा कैसे अदा करें हम?
इच्छाओं में भटके दिल, दुखी होकर याद करें तुझे हम,
और कोशिशों से हम जब थकें तो फरियाद में भी याद करें हम।
वाह खुदा, तेरी सारी मेहरबानियाँ, शुक्रिया तेरा कैसे अदा करें हम ?
प्यार भी दिल में आए, अरमान भी जगे और तुझे हम याद करें,
कि जब तुझे देखें, सारे जहान को भूले, अब हम क्या करें?
कि तेरी ही याद में फनाह हो जाएँ, और हम क्या करें?
वाह खुदा, तेरी सारी मेहरबानियाँ, शुक्रिया तेरा कैसे अदा करें हम?
- डॉ. हीरा