अगर दुनिया से गालियाँ मिले, सोचो कि तुम सच्ची राह पे हो।
अगर लोगों से बदनामी मिले, सोचो कि साधना में आगे बढ रहे हो।
अगर रास्ते में मुश्किलें मिलें. सोचो कि खुदा की रहमत तुम्हे हैं मिली।
अगर सब तुम से मुँह मोड़लें. सोचो कि खुदा के द्वार मिल गए हैं।
अगर सब चीज में अच्छाई दिखे, सोचो कि सब में खुदा हैं बसे।
अगर न गम, न आँसू आए, सोचो कि खुदा तुम्हें हैं मिल गए।
अगर दिल पे वार पे वार हो रहे, सोचो कि खुदा है दिल में बस गए।
अगर सब जहान से अंजान रहें, सोचो कि खुदा का आह्वान मिल गया।
अगर जीवन में मंजिल दिखे, सोचे कि सच्ची राह है तुम्हें मिल गई।
अगर इन सब से तुम मुक्त हो गए, जानों कि तुम खुदा बन गए।
- डॉ. हीरा