आँखे बंद की और तुझको ही पाया,
आँखें खुली रखी, हर जगह तुझे ही पाया।
हर ख्याल बस तेरा ही खयाल था,
कि हर विचार में हमने तुझे ही पाया।
हर जज़्बात में तेरे ही अंदाज पाएँ,
कि हमारी हँसी के पीछे भी हमने तुझे ही पाया।
दिल में नई तरंगें, तेरे ही बनाए पाए,
कि ये उमंग भरे सपने, तेरे ही हमने पाए।
खाते, जागते, सोते, तुझे ही, तुझे ही पाया।
तू ही है, तू ही है, तुझे ही हमने पाया।
- डॉ. हीरा