नजरें तुम से मिलीं और सुकून दिल ने पाया,
कि खामोश वो निगाहें और बातें हजार पाया।
प्यार का इजहार हुआ और मुहब्बत का आलम आया,
कि खुदा तेरी हँसी और दिल मदहोश हुआ।
झूमता ये समां, मासूम इस दिल में चैन हुआ,
कि साथी का साथ मिला, तन्हाई का जमाना गया।
सुर और ताल मिले, होंठों पे ये गीत आया,
कि दिल के तार मिले, संगीत का समां पाया।
नाचते गाते हम चले, न जाने कहाँ को हैं चले,
संग तेरे निकल पड़े, खुद को खुदा में मिला गए।
- डॉ. हीरा