दर्दऐ मुहब्बत तेरी, क्या कहें हम,
कि रो पड़े सुनकर तेरी दास्तान हम।
प्यार की गहराई में डूब गए रे हम,
हाले दिल तेरा देखे पिधल गए हैं हम।
सह न सके ये तेरी तड़प को देख के हम,
कि सब कुछ अब तू दे हमें ये चाहते हैं हम।
खुश सदा तू रहे, यही दुआ करते हैं हम,
कि नाऱाज न हो जिंदगी से, फिर मायूस होते हैं हम।
चाहत तेरी सब पूरी हो, ये खाहिश करते हैं हम,
ऐ मेरे यार तू सदा खुश रहे, यही चाहते हैं हम।
- डॉ. हीरा