सदीयों की दास्तान फिर से एक बार,
बार बार वही प्यार आया है फिर से एक बार।
पिछला ये समां, वही दोहरा रहा है एक बार,
कि जीत तू हारी बाजी, ये मौका है एक बार।
प्रेमी का मिलन, संगम का मौका है एक बार,
चूक न ये मौका, हारीबाजी अब तू पलट इस बार।
कर तू ऐसा अब, प्यार के हालात हो जाएँ, तुझसे ब़ाजी हार,
ऐसा खेल तू खिला कि भाग्य तेरा दौड़ जाएँ, तुझसे हार।
प्रभु हैं वहीं, राह देख रहे हैं और एक बार,
कि पाएगा अब तू उसे, न होगी अब कोई हार।
- डॉ. हीरा