क्यों हाले दिल पे हमारे, हँस रहे हो, ऐ खुदा?
कि बयान नहीं कर सकते हम अपने दिल का हाल, ऐ खुदा।
सोच में पड़े हम जब इस बात पे, ऐ खुदा,
तो हँस पड़े हम भी उसपे, ये है हमारा हाल, ऐ खुदा।
कि न तुझको प्रेम कर सके ऐ खुदा, न तुझे भुला सके, ऐ खुदा,
कुछ बीच में ही अटके हुए है, न यहाँ न वहाँ हम है, खुदा।
उछलते कूदते गम और खुशी के लहरों में हम हैं खुदा,
राज है ये हमारे दिल का, न कहना किसी से, ऐ खुदा।
कभी तो नैया पार कर लेंगे हम, ये यकीन है खुदा,
कि स्वर्ग या जहन्नूम में तुझे दावत जरूर देंगे हम, ऐ खुदा।
- डॉ. हीरा