जब प्रेम तुझसे करते हैं, फिर क्या रोना, क्या धोना।
जब समर्पित तुझको करते हैं, फिर क्या खोना, क्या पाना।
जब नाम तेरा लेते हैं, फिर क्या अपना, क्या पराया।
जब तुझमें हर पल जीते हैं, फिर क्या आना, क्या जाना।
जब तेरे सहारे जीते हैं, फिर क्या करना, क्या छोड़ना।
जब साँसों में तू बसता हो, फिर क्या मेरा, क्या तेरा।
जब मंजिल है तुझे पाना, फिर क्या पाना, क्या गँवाना।
जब आरजू है तेरी चाहत, फिर क्या ये माया, क्या काया की माया।
जब जूनुन सिर पर छाता है, फिर क्या अपना, क्या बेगाना।
जब जीवन में है तुझे पाया, फिर क्या हँसना, क्या रोना।
- ડો. હીરા