जिंदगी जो बिताते हैं अपनी शान में,
भूल जाते हैं जिंदगी की मस्ती को।
जो रहते हैं प्रभु के प्यार में,
भूल जाते हैं सब ग़म इस जहान में।
गाते हैं प्रभु के प्रीत के गीत सदाये,
भूल जाते है अपने आप को बहार में।
ये महफिल, ये प्रेम की बातें,
भूल जाते हैं सब कुछ, जब सुकून हो दिल में।
पाया है एक अनमोल रत्न अपने अंदर,
भूल जाते हैं तलाश ये जीवन में।
महफिल सजे ये प्रभु के प्यार की,
भूल जाते हैं तकलीफ कि खुश रहे हर हाल में।
पाते हें दिल का चैन और आए सुकून जीवन में,
भूल जाते हैं ये दिल को, इस जश्न के इंतजार में।
- डॉ. हीरा