मस्ती भरे रंग से भर दिया है हमें,
कि इस जहान में होकर, फिर भी नहीं हम यहाँ पे।
बातें दिल ने हजार की, पर क्या कहें नहीं जानते हम,
आँख मिचोली खेले ये प्यार, प्यारा तू और भी लगे।
तेरे इस रूप पे फिदा हुए कि तेरी इस मस्ती के दीवाने बने।
चाहते तुझे करीब से पाएँ और पाएँ तुझे दिल में, क्या कहे।
ऐसे तू हमें प्यार करता रहें और प्यार से हम तेरे दीवाने बने।
इस जुनून में शामिल हुए हम, इस महफिल में मदहोश हुए हम।
प्यार की दीवानगी में हम छुप गए, न मिल सके खुद से हम।
खो गए तेरे प्यार में ऐसे कि खुद को ही भूल गए हम।
- डॉ. हीरा