कश्मकश ये दुनिया के लोगों की,
चेहरों और दिखावे की।
कश्मकश ये प्यार भरे चाहतों की,
प्यार की खोज में हवस के अफसानों की।
कश्मकश ये सितारों भरी महफिलों की,
देखा देखी के खेल में जीत पाने की।
कश्मकश ये भक्तिं और ज्ञानी की,
मिले मंजिल कब, पाये हम चैन जन्मों की।
कश्मकश प्रभु तेरे संसार की,
दुनिया बदले, तो फिर एक नया खेल रचाने की।
- डॉ. हीरा