Bhajan No. 5504 | Date: 01-Aug-20212021-08-01फितूर नहीं हमारी तुझे पाने की, फिर भी तू रहम बरसाता है।/bhajan/?title=phitura-nahim-hamari-tuje-pane-ki-phira-bhi-tu-rahama-barasata-haiफितूर नहीं हमारी तुझे पाने की, फिर भी तू रहम बरसाता है।

जज़बात नहीं तुझसे मोहब्बत करने का, फिर भी तू गुलिस्तान बिछाता है।

इकरार नहीं इस इबादत में, फिर भी तू शहनाई बजाता है।

होश नहीं हमें अपनी मंज़िल का, फिर भी तू मदहोशी के नाम पिरसता है।

सवाल है इतने सारे बेगानी में, जवाब में तू सिर्फ हँस्ते रहता है।

कोशिश नहीं इंतज़ार में, फिर भी तू राह देखता रहता है।

अंतर नहीं इन ख्यालों के कारवां में, फिर भी तू हमेशा हमारा ख़याल रखता है।

ऐतबार नहीं तेरी हुकूमत का, फिर भी तु हमसे आँखें नहीं चुराता है।

सुकून इस रंग में और कहाँ, आरजू के संग में छुपकर तू रह जाता है।

ख्वाहिश तुझे पाने की बस एक बार ही सही, उसमें जन्नत ही तू दे देता है।


फितूर नहीं हमारी तुझे पाने की, फिर भी तू रहम बरसाता है।


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फितूर नहीं हमारी तुझे पाने की, फिर भी तू रहम बरसाता है।


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फितूर नहीं हमारी तुझे पाने की, फिर भी तू रहम बरसाता है।

जज़बात नहीं तुझसे मोहब्बत करने का, फिर भी तू गुलिस्तान बिछाता है।

इकरार नहीं इस इबादत में, फिर भी तू शहनाई बजाता है।

होश नहीं हमें अपनी मंज़िल का, फिर भी तू मदहोशी के नाम पिरसता है।

सवाल है इतने सारे बेगानी में, जवाब में तू सिर्फ हँस्ते रहता है।

कोशिश नहीं इंतज़ार में, फिर भी तू राह देखता रहता है।

अंतर नहीं इन ख्यालों के कारवां में, फिर भी तू हमेशा हमारा ख़याल रखता है।

ऐतबार नहीं तेरी हुकूमत का, फिर भी तु हमसे आँखें नहीं चुराता है।

सुकून इस रंग में और कहाँ, आरजू के संग में छुपकर तू रह जाता है।

ख्वाहिश तुझे पाने की बस एक बार ही सही, उसमें जन्नत ही तू दे देता है।



- डॉ. हीरा
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phitūra nahīṁ hamārī tujhē pānē kī, phira bhī tū rahama barasātā hai।

jaja़bāta nahīṁ tujhasē mōhabbata karanē kā, phira bhī tū gulistāna bichātā hai।

ikarāra nahīṁ isa ibādata mēṁ, phira bhī tū śahanāī bajātā hai।

hōśa nahīṁ hamēṁ apanī maṁज़ila kā, phira bhī tū madahōśī kē nāma pirasatā hai।

savāla hai itanē sārē bēgānī mēṁ, javāba mēṁ tū sirpha ham̐stē rahatā hai।

kōśiśa nahīṁ iṁtaज़āra mēṁ, phira bhī tū rāha dēkhatā rahatā hai।

aṁtara nahīṁ ina khyālōṁ kē kāravāṁ mēṁ, phira bhī tū hamēśā hamārā ख़yāla rakhatā hai।

aitabāra nahīṁ tērī hukūmata kā, phira bhī tu hamasē ām̐khēṁ nahīṁ curātā hai।

sukūna isa raṁga mēṁ aura kahām̐, ārajū kē saṁga mēṁ chupakara tū raha jātā hai।

khvāhiśa tujhē pānē kī basa ēka bāra hī sahī, usamēṁ jannata hī tū dē dētā hai।

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જ્યાં મોહબ્બતની ગેહરાઈમાં જવાય છે
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आराम हराम है, प्रेम ही तो गवाह है।
 
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दर्दे दिल की कोई दावा नहीं, इश्क में फनां होना आता नहीं।
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आराम हराम है, प्रेम ही तो गवाह है।
फितूर नहीं हमारी तुझे पाने की, फिर भी तू रहम बरसाता है।
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