रिश्ता क्या है मेरा तुम्हारा, न जानूँ मैं,
बस इतना जानूँ कि तू है सब कुछ मेरा।
ना खून का रिश्ता, ना दोस्ती का इशारा,
बस तू है जी जान मेरा।
न जाने कहाँ से मिला, पर तू है मेरे लिए,
खुदा गवाह है कि खुदा है तू मेरा।
झूमता है मन मेरा आके पास तेरे,
ना जाने ये क्या रिश्ता है मेरा तुम्हारा।
जन्म मिला है आने पास तेरे लिए,
बस तेरे लिए आए हैं हम, और न जानूँ कुछ और।
- डॉ. हीरा