शायरी का आलम हो, सुरों का संगम हो
विचारों का जश्न हो, कि नए खयालों का आरंभ हो।
प्यार की महफिल हो, कविता की रचना हो।
गुरु का आशिर्वाद हो, प्रभु से मुलाकात हो
भक्तों की भक्ति हो, कलम की रफ्तार तेज हो,
शब्दों में ऐसी बात हो, कि महफिल की जान हो।
दिलों में प्रभु का वास हो, सुरों में प्रभु का ताल हो
जिंदगी में ऐसी सरगम हो, प्रभु का गुनगान हो,
जुबाँ में प्रभु का नाम हो, होठों पे उसके गीत हो,
समय का न कोई काम हो, बस प्रभु के मिलन की प्रित हो।
- डॉ. हीरा