याद तेरी जब भी आई, तेरा जवाब वैसे ही आया,
कि तेरी याद सताती है, दिल को रुलाती है।
हर पल, हर लम्हा, संग तू मेरे रहा, मेरे संग चला,
तुम और मैं अक्सर यूँही बातें करते हैं।
दिल के तार ऐसे जुडे कि मेरी बात तेरे जबान सुने,
कि ऐसा लगा, हम एक हैं दो नहीं हैं।
कही अनसुनी हो जाए, पर ये प्यार की बात न मिटे,
कि ये कहाँ आ गए हम यूँ ही साथ साथ चलके।
गुमसुम ये मदहोशी घहराई में छुपी खामोशी,
कि प्यार में तेरे हम खो गए, सारे जहान को भूल गए।
- डॉ. हीरा