अमर प्रेम की गाथा सुनी थी बहुत हमने,
पर कल्पना ना किया कि ये ही पाऐंगे अब हम।
किताबों में पढ़ी थी ये कहानी निराली हमने,
पर ज्ञान नहीं, यकीन ना था उसकी हकीकत का हमें।
कल्पना जगत में स्थान दे दिया था उसे हमने
सोचा ना था कि खेलेंगे अब वही खेल हम उनसे।
कहानी सरजी नई है अब प्रभु दुनिया में हमने,
कि एक और शामिल तेरे दरबार में है अबसे।
गुण गान गाएँ वो अब अमर प्रेम का सबसे,
पर माने ना कोई बात, सच्चा प्यार भी होता है जगमें।
तब याद आते वो दिन हमारे कच्चे यारी के हमें
और शुक्रिया करते तेरा प्रभु, तेरे प्यार में डूबा दिया हैं हमें।
- डॉ. हीरा