बीती बातों में क्या रहना, बीती बातें हैं पुरानी,
बनी है सिर्फ यादें, कुछ खट्टी, कुछ हँसाने की
सोच में क्या डूबे रहना, यह जिंदगी है कुछ कर दिखाने की।
कि खयालों में क्या घूमना, जिम्मेदारी भी है निभाने की
आगे का क्या सोचना, जब आज में न जी सके हम
कि कल किसने देखा, हर पल जिंदगी में रहे हम संग।
जिंदगी में क्या खफा होना, जिंदगी में गम नहीं कम
जिसे जीना आ गया, हर बाजी जितेंगे फिर हम।
जो दिखता है वो हकीकत नहीं, जो चाहते वो होता नहीं।
पैसे के पीछे क्या भागना, शांति जीवन की देता नहीं
पाया तो तुमने क्या पाया, आखिर तो छोड़ के जाना है
संतोंने यह सच कहा, जिंदगी है प्रभु को पाने के लिए
जिसे प्रभु का नशा लगा, ये है बात सब कुछ जीत जाने का।
- डॉ. हीरा