तुझसे दूर न रह पाएँ, पास आने में जिंदगी बीत जाएँ,
लगन लगी है ऐसी कि सुधबुध खोते ही जाएँ।
चैन न आए, खोये तेरे प्यार में इस तरह, कि तन मन में तेरी छबि बसे।
तू आए, खोए हम तेरे साथ, कि दुनिया में होते फिर भी न होवे।
बाँवरी बनी भटकू गली गली, कि चैन मेरा हमीं को सताये।
तेरे नाम की माला जपूँ, तेरे ही नाम में सुकून पाऊँ,
हर पल, यही हमें सताए, ऐ सनम कहाँ तू खुद को छुपाये।
ढूँढ़े तुझे ये नयन, पाए तुझे हम में सनम, ये क्या तू खेल रचाए,
तुझमें मिल जाएँ, ये ही गीत गुनगुनाएँ, कि तुझमें हम खो जाएँ।
- डॉ. हीरा